चांदनी चौक की भागीरथ पैलेस मार्केट में बृहस्पतिवार रात लगी आग पर शुक्रवार को भी पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका। बंद दुकानों में अभी भी आग सुलग रही है। बचाव का कार्य जारी है। पानी की धार से कई जर्जर इमारतों के हिस्से गिर गए। आग को पूरी तरह से बुझाने में दो दिन का वक्त लग सकता है। दमकल की 40 गाड़ियां और करीब 250 दमकल कर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। अभी तक 150 दुकानें जलने से करीब 500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। बचाव कार्य के बीच बाजार के दूसरे हिस्सों को भी बंद रखा गया। आशंका जताई जा रही है कि बिजली के तार में शार्ट सर्किट से हादसा हुआ है।
एक गली में स्थित करीब डेढ़ सौ दुकानें और गोदाम पूरी तरह जल गए हैं। तीन से चार इमारतों के हिस्से टूटकर गिर रहे हैं। आग में करीब पांच सौ करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। – अजय शर्मा, अध्यक्ष, दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर एसोसिएशन
सबसे पहले दुकान नंबर-1868 में आग लगने की सूचना मिली तो मौके पर मौजूद लोगों ने आग लगने का वीडियो दुकानदारों के स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप पर डाल दिया। आग तेजी से अन्य दुकानों में फैल रही थी। इसे देखकर दुकानदार तुरंत घरों से चांदनी चौक पहुंचने लगे। कई दुकानदारों के साथ उनके परिवार वाले भी थे। इससे अफरातफरी का माहौल हो गया। हर शख्स अपनी दुकान को किसी तरह आग से बचाना चाहता था, लेकिन आग और जर्जर इमारतें होने से पुलिस और दमकल कर्मियों ने किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं दी। दुकानदार आंखों के सामने सामान को जलते देख रहे थे, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहे थे।
भागीरथ पैलेस को इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के लिए जाना जाता है। दुकानों में बिजली का सामान होने से आग ने पलक झपकते ही भयावह रूप ले लिया। दमकलकर्मी इस कोशिश में जुटे थे कि आग किसी तरह आगे न बढ़े। हालात को देखते हुए मौके पर हाईड्रोलिक क्रेन के अलावा रिमोट कंट्रोल से चलने वाले रोबोट को भी बुलाया गया।
चांदनी चौक की सुंदरता के लिए लगे पत्थर बने अवरोधक
दुकानदारों ने बताया कि जिस गली में आग लगी, उसके भीतर दमकल की गाड़ियों को ले जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। चांदनी चौक की सुंदरता के लिए सड़क के किनारे लगे पत्थरों की वजह से गाड़ियां अंदर नहीं जा पा रही थीं। पत्थरों को तोड़ने में काफी समय लगया। इसके बाद ही दमकल की गाड़ियां अंदर जा सकीं। तब तक कई इमारतों में आग फैल चुकी थी। दमकल अधिकारियों ने बताया कि गली के बाहरी हिस्से तक दो गाड़ियां ही पहुंच पाईं। गली में पाइप की मदद से छतों से आग बुझाने की कोशिश की गई। जर्जर इमारतों की ईंटें गिरने से अभी दुकानों के भीतर जाना संभव नहीं हो रहा है।