'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- निपुण, जिसका अर्थ है- दक्ष, कुशल, प्रवीण। प्रस्तुत है रामनरेश त्रिपाठी की कविता- कोई मुझको भूमंडल का एक छत्र राजा कर देकोई मुझको भूमंडल का एक छत्र राजा कर दे।
उत्तम भोजन, वस्त्र, बाग, वाहन, सेवक, सुंदर घर दे॥पर मैं पुस्तक बिना न इनको किसी भाँति स्वीकार करूँ।
पुस्तक पढ़ते हुए कुटी में निराहार ही क्यों न मरूँ॥पुस्तक द्वारा नीति-निपुण विद्वानों से बतलाता हूँ।
सत्पुरुषों के दिव्य गुणों से अपना हृदय सजाता हूँ॥अगम अगाध समुद्रों को भी बिना परिश्रम तरता हूँ।
बिना खर्च के रण में वन में निर्भय नित्य विचरता हूँ॥ऐसा श्रेष्ठ मित्र पुस्तक है मैं इससे सुख पाता हूँ।
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मैं सारा अवकाश का समय इसके साथ बिताता हूँ॥
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