
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड।
– फोटो : सोशल मीडिया
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अब माता-पिता को बताएगा कि वह बच्चों का किस तरह से ख्याल रखें। बोर्ड अभिभावकों को बच्चों के करियर और शैक्षणिक विकल्पों पर ही ध्यान देना नहीं सिखाएगा बल्कि बच्चों को सामाजिक व भावनात्मक रूप से कैसे मजबूत किया जाए, इसकी जानकारी भी दी जाएगी। कोविड महामारी के बाद की स्थिति को देखते हुए सीबीएसई ने पॉजिटिव पैरेंटिंग: ए रेडी रेकनर नाम से एक पुस्तक तैयार की है। बोर्ड की ओर से तैयार इस पुस्तक का उद्देश्य बच्चों व अभिभावकों के बीच के संबंध को और गहरा करना व बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है। सीबीएसई ही ऐसा बोर्ड है, जिसने इस तरह की पुस्तक तैयार कर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने का प्रयास किया है।
सीबीएसई की मीडिया एवं पीआर विभाग की निदेशक रमा शर्मा ने बताया कि पॉजिटिव पैरेंटिंग- ए रेडी रेकनर सीबीएसई द्वारा बहुत ही सरल तरीके से माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों के लिए तैयार की गई है। 60 पृष्ठों की इस पुस्तक में बच्चों के देखभाल और पालन-पोषण कौशल की बारीकियों को समेटा गया है। उन्होंने बताया कि अभी जो अभिभावक बच्चे की देखभाल करते हैं, हम उसे चुनौती नहीं दे रहे हैं। इस पुस्तक में जो सामग्री है, उसे कोविड के बाद की चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। अब इस पुस्तक को जल्द ही बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। जिससे कि स्कूलोंं व अभिभावकों को इसके संबंध मेें पता चल सके। पुस्तक में बच्चों के मानसिक और भावनात्मक कल्याण, प्री-टीन्स का पालन पोषण, लैंगिक समानता, बाल दुर्व्यवहार संरक्षण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे, माता-पिता के लिए ऑनलाइन शिक्षा, 21वीं सदी के कौशल, 21 पैरेंटिंग रूल्स, एकल अभिभावक, शिक्षण मूल्यों, नई पीढ़ी के बच्चों को कैसे संंभालें समेत अन्य विषयों को शामिल किया गया है।
अभिभावकों के लिए नियम
- अभिभावक 5:1 के गोल्डन रूल का ध्यान रखें। अपनेे बच्चे को एक नकारात्मक बात कहने से पहले पांच सकारात्मक बात कहें।
- हर बच्चा विशेष होता है, बच्चे को इस का अहसास दिलाएं।
- परिवार व दोस्तोंं के सामने बच्चे के शैक्षणिक या सह-पाठ्यचर्या का दिखावा ना करें, बच्चा उम्मीदों से अधिक बोझ महसूस करेगा।
- आपके तनाव का आपके बच्चे पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। याद रखें कि सुरक्षा की मजबूत भावना वाले बच्चे स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
- आपके बच्चे अपनी बातें अभिभावकों से साझा करना चाहते हैं, इसलिए उनके साथ अच्छा समय बिताएं।
- शारीरिक हिंसा और मौखिक दुर्व्यवहार से दूर रहें।
- बच्चे आपके व्यवहार से सीखते हैं, इसलिए सभी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें।