
कोरोना वायरस
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विश्वभर में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इसके चलते चंडीगढ़ प्रशासन ने भी निगरानी बढ़ा दी है। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने जांच की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है। इसमें कहा है कि जो भी नए केस आएंगे उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग करें, ताकि कोरोना वायरस के वेरिएंट का पता लगाया जा सके।
सलाहकार धर्मपाल ने कहा कि चंडीगढ़ के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही कोरोना वायरस से बचाव के सभी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोरोना वायरस को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसका पालन प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है। चंडीगढ़ में दवाइयां व अस्पताल में बेड की संख्या पर्याप्त है इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग सकारात्मकता दर पर भी नजर बनाए हैं। उन्होंने कहा कि नए वेरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग को अनिवार्य किया गया है ताकि खतरे का अंदाजा लगाया जा सके।
शहर में कोविड संक्रमण के साथ सक्रिय मरीजों की संख्या शून्य
शहर में काफी महीनों के बाद बुधवार को कोरोना के संक्रमण दर के साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या शून्य रही। गौरतलब है कि संक्रमण दर लगभग डेढ़ महीने से शून्य पर बनी है। वही सक्रिय मरीजों की संख्या 2 से 4 के बीच थी। बुधवार को दो संक्रमित मरीजों के सात दिन की अवधि पूरी होने पर छुट्टी दिए जाने पर यह आंकड़ा शून्य पर आ गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने 24 घंटे के दौरान 116 लोगों की जांच की जिनमें से एक में भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। बता दें शहर में अब तक 98161 कोविड के मरीज मिल चुके हैं जबकि 1181 मरीजों की मौत हो चुकी है।
प्रिकॉशन डोज की स्थिति अब भी चिंताजनक
कोविड संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार प्रिकॉशन डोज पर विशेष रूप से ध्यान देने का निर्देश दे रही है। ऐसे में चंडीगढ़ में प्रिकॉशन डोज का परिणाम बेहद निराशाजनक है। मौजूदा समय में लक्षित आबादी में से महज 13.16 प्रतिशत लोगों ने ही प्रिकॉशन डोज लगवाया है जबकि प्रिकॉशन डोज सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क लगाई जा रही है। गौरतलब है कि शहर की 846001 आबादी को प्रिकॉशन डोज लगाया जाना है। जिसमें से महज 110941 लोगों ने टीके की तीसरी खुराक लगवाई है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी चुस्त
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पीजीआई समेत शहर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को बेड आरक्षित करने का निर्देश दे दिया है। उनमें ऑक्सीजन के साथ ही वेंटिलेटर वाले बेड शामिल है।