
चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
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चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक आज से शुरू हो गई है। इस बैठक में पार्टी शीर्ष नेतृत्व में परिवर्तन को लेकर मंथन करने जा रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के एक दिन बाद यानी 23 अक्तूबर को टॉप लीडरशिप में कई बदलाव होने की संभावना है। इस बैठक में जिनपिंग ने अपना संबोधन भी दिया। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में और सुधार लाएंगे। गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि चीन के लिए अच्छी रणनीति बनाते रहेंगे।
शी जिनपिंग का क्या होगा?
हालांकि, अब सवाल उठता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग का क्या होगा? तो यह एकदम सुनिश्चित है कि जिनपिंग अपने पद पर बने रहेंगे। उनके ऊपर इस बैठक का कोई असर नहीं होने वाला है। बता दें कि चीन में पहले यह नियम था कि कोई भी राष्ट्रपति दो कार्यकाल ही पूरे करता है, लेकिन संविधान संशोधन के बाद यह तय किया गया था कि जिनपिंग आजीवन राष्ट्रपति और महासचिव बने रहेंगे।
सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के शीर्ष नेताओं की जिम्मेदारी बदली जाएगी
वर्तमान सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति जो कि सर्वोच्च निर्णय लेती है उनके सदस्यों की भी जिम्मेदारी बदली जा सकती है। एक दशक से चीन की अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर रहे चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग को भी हटाया जा सकता है। हालांकि 66 वर्षीय ली ने भी माना कि प्रधानमंत्री के रूप में यह उनका अंतिम वर्ष है। 20वीं पार्टी कांग्रेस की बैठक रविवार 10 बजे बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में होगी। यह 16 अक्तूबर से 22 अक्तूबर तक आयोजित की जाएगी।
बदलेगी जिनपिंग की कैबिनेट
राष्ट्रपति के नाम की घोषणा से पहले कम्युनिस्ट पार्टी जिनपिंग की कैबिनेट में बड़ा फेरबदल करने वाली है। बैठक में शी जिनपिंग को छोड़कर दूसरे नंबर के नेता प्रधानमंत्री ली केकियांग को बदला जाएगा। वांग यी के स्थान पर नए विदेश मंत्री की भी नियुक्ति होगी। बैठक से पहले बीजिंग में पहले से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ा दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि शहर के कुछ इलाकों को लगभग बंद कर दिया गया है और कई ओवरपास पर पुलिस तैनात की गई है।
कई स्थानों पर दिखाई दिए थे नीति विरोधी बैनर
सख्त जीरो कोविड नीति के खिलाफ नागरिकों में आक्रोश है। इसका प्रमाण दिखा विश्वविद्यालयों और तकनीकी कंपनियों का घर कहे जाने वाले हैदियान जिले में। यहां एक पुल पर लगे बैनर में उन्होंने अपनी चाहत का इजहार कुछ इस तरह किया- कोविड टेस्ट नहीं, सांस्कृतिक क्रांति नही, लॉकडाउन नहीं, नेता नहीं…। यह पहला मौका है जब जिनपिंग के खिलाफ ऐसे बैनर नजर आए हैं। चीन की राजधानी बीजिंग की सड़कों पर इन बैनरों की कई तस्वीरें व वीडियो ट्विटर पर तेजी से वायरल हुए। हालांकि ट्विटर चीन में ब्लॉक है। जिनपिंग के खिलाफ सोशल मीडिया में नाराजगी तब खुलकर सामने आई है, जब चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का 10 साल में दो बार होने वाला सम्मेलन रविवार से शुरू होने वाला है।
बैनरों पर लिखे थे कई नारे
इन बैनरों पर राष्ट्रपति जिनपिंग को पद से हटाने और कठोर कोरोना पाबंदियां खत्म करने की मांग की गई थी। सोशल मीडिया में वायरल ये बैनर बीजिंग के उत्तर-पश्चिमी हैदियान जिले में लगे नजर आए थे। कुछ ही समय में स्थानीय प्रशासन ने उन्हें हटवा दिया, लेकिन तब तक इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया के जरिए दुनियाभर में फैल चुकी थी।