मोहन गार्डन इलाके में किशोरी पर तेजाब से हमला करने के लिए मुख्य आरोपी सचिन ने दो दिन पहले ही तेजाब मंगवा लिया था। उसने एक सप्ताह पहले ही किशोरी पर हमला करने का फूल प्रूफ प्लान बना लिया था। इसके लिए वह एक सप्ताह से रेकी कर रहा था। यहां तक की पुलिस की पकड़ से बचने के लिए आरोपी ने घटना के समय एक दोस्त को अपने कपड़े पहनाकर और उसे अपना मोबाइल फोन देकर द्वारका भेज दिया था। ताकि शक होने पर वह पुलिस को अपनी लोकेशन द्वारका में दिखा सके।
मुख्य आरोपी सचिन ने बताया कि कई बार समझाने की कोशिश के बाद भी किशोरी कुछ भी समझने को तैयार नहीं थी। अंत में सबक सिखाने के इरादे से उसने पूरी साजिश रच डाली। पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद दो दिन की रिमांड पर लिया है।
साजिश के तहत सचिन ने नौ दिसंबर को फ्लिपकार्ट पर 200 एमएल तेजाब की बुकिंग कराई थी। 12 तारीख को आरोपी के घर पर इसकी डिलिवरी हुई। उसने बताया कि उसने एक सप्ताह पहले वारदात अंजाम देने का पूरी योजना तैयार कर ली थी। वारदात को अंजाम देने से पहले उसने अपने बचाव के तौर तरीके को भी दुरुस्त कर लिया था। ताकि जांच के दौरान शक होने पर खुद को बचा सके।
सचिन ने तीसरे आरोपी विरेंद्र को घटना वाले दिन सुबह साढ़े छह बजे अपना मोबाइल और स्कूटी देकर द्वारका भेज दिया। विरेंद्र ने अपने कपड़े के साथ साथ सचिन के कपड़े भी पहन लिए थे। उसने सचिन का हेलमेट पहन रखा था। सचिन ने विरेंद्र को मोबाइल फोन ऑन रखने के लिए कहा था ताकि उसका लोकेशन घटना से पहले व बाद में द्वारका इलाके में आए। योजना के तहत सचिन व हर्षित ने वारदात को अंजाम दिया। हर्षित बाइक चला रहा था और सचिन पिछली सीट पर बैठा था। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी फरार हो गए।
घटना के बाद किशोरी की बहन और परिवार के बयान के बाद पुलिस ने सचिन की तलाश शुरू की। सचिन का मोबाइल बंद था। कॉल डिटेल से पता चला कि घटना के पहले रात में सचिन सबसे अधिक हर्षित व विरेंद्र के संपर्क में था। हर्षित व विरेंद्र की तलाश शुरू हुई, लेकिन दोनों के मोबाइल बंद मिले। इसके बावजूद घटना के कुछ देर बाद पुलिस ने हर्षित को दबोच लिया। उसने पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसके बाद सचिन को पकड़ा गया। इसके बाद पुलिस ने तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया।