
जी-4 देशों के राष्ट्र ध्वज
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जी-4 राष्ट्रों ने गुरुवार को चेतावनी दी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सुधारों को जितना लंबा रोका जाएगा, प्रतिनिधित्व में उतना ज्यादा घाटा होगा। इन राष्ट्रों ने कहा कि यूएनएसी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने से निकाय मौजूदा संघर्षों को प्रभावी ढंग से रोकने में सक्षम होगा। जी-4 देशों में भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि सुरक्षा परिषद में समान प्रतिनिधित्व का मुद्दा चालीस साल पहले 1979 को महासभा के एजेंडे में शामिल किया गया था। यह खेदजनक है कि इस मुद्दे पर चार दशकों के बाद भी कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद के पास यह अपने चार्टर उत्तरदायित्व के अनुरूप काम करने का सही समय है।
स्थायी प्रतिनिधि कंबोज ने आगे कहा कि यूएनएससी की सदस्यता बढ़ाए बिना इसके लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकेगा। यही परिषद दुनिया भर में आज के संघर्षों के साथ-साथ तेजी से जटिल और आपस में जुड़ी वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में सक्षम होगी।