
ये नजारा दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 का है।
– फोटो : अमर उजाला
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दो दिन पहले जहां लोगों को एक से दो घंटे तक लाइन में खड़े रहना पड़ता था, वहां अब 15 मिनट में ही काम हो रहा है। आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या-क्या बदलाव किया है? किस तरह की सुविधाएं बढ़ाई हैं?
15 मिनट के अंदर अब सारी प्रक्रिया पूरी हो रही
शुक्रवार शाम की स्थिति के अनुसार, अब दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 के मुख्य द्वार से प्रवेश करने से लेकर चेक इन और सुरक्षा जांच तक यात्रियों को बमुश्किल 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है। यह यात्रियों के लिए राहत की खबर है, जो पिछले दिनों भारी भीड़ के चलते परेशान हो रहे थे और सोशल मीडिया पर जमकर अपना दर्द बयां कर रहे थे। आने वाले दिनों में अगर यही व्यवस्था कायम रहती है तो क्रिसमस से लेकर नववर्ष तक की छुट्टियों के बीच जब यात्रियों का दबाव बढ़ेगा, तब भी टी-3 पर उस तरह की लंबी कतारें नजर नहीं आएंगी, जिनमें यात्रियों को दो घंटे तक लग जाते थे।
यहां करना पड़ेगा भीड़ का सामना
टी-3 के अंदर प्रायोरिटी पास वाले लाउंज में निर्माण कार्य चल रहा है। इस वजह से यह बंद है। कुछ एयरलाइंस ने यात्रियों को यह संदेश भेजे थे कि भीड़ को देखते हुए वे साढ़े तीन घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंच जाएं। इस बीच, व्यवस्थाएं दुरुस्त होने से यात्रियों का वेटिंग टाइम घट गया। इस वजह से अब चेक इन और सुरक्षा जांच पर तो लंबी कतारें नजर नहीं आ रहीं, लेकिन फूड प्लाजा पर ज्यादा भीड़ दिख रही है।
एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए जाम मिल सकता है
एयरपोर्ट के बाहर फिलहाल ट्रैफिक जाम की स्थिति है। शाम के व्यस्ततम घंटों में खासतौर पर राव तुला राम मार्ग से एयरपोर्ट तक की दूरी तय करने में लोगों को आधे से पौन घंटे का समय लग रहा है।
सरकार ने और क्या-क्या कदम उठाए?
इसे समझने के लिए हमने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अफसर से बात की। उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद घरेलू यात्रियों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते ही लोगों को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ये दिक्कतें कुछ समय के लिए ही हैं। जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे। उन्होंने आगे उन बिंदुओं के बारे में भी बताया, जिसके जरिए दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर जुट रहे यात्रियों को बेहतर सुविधा दी जा रही है।
1. सभी एंट्री गेट पर डिस्प्ले बोर्ड : एयरपोर्ट के सभी गेट और डिपार्चर गेट पर डिस्प्ले बोर्ड की संख्या बढ़ा दी गई है। इसके जरिए यात्रियों को बताया जा रहा है कि किस गेट से निकलने में कितना समय लग सकता है। शुक्रवार शाम करीब चार बजे टी-3 के एंट्री गेट पर लगे डिस्प्ले बोर्ड के मुताबिक, लोगों को एयरपोर्ट में एंट्री के लिए एक से पांच मिनट का समय लग रहा है।
2. एयरलाइन स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई गई : नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आदेश पर सभी एयरलाइन कंपनियों ने एयरपोर्ट स्टाफ में बढ़ोतरी की है। काउंटर भी बढ़ा दिए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 1,400 कर्मियों का एक अतिरिक्त बल जल्द ही इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात किया जा रहा है।
3. क्राउड मैनेजमेंट काउंटर मीटर लगाया गया : इसके जरिए अफसर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जहां भी कर्मचारियों या सुरक्षाकर्मियों की जरूरत पड़ रही है, वहां अतिरिक्त तैनाती की जा रही है। इसके लिए अतिरिक्त सीसीटीवी भी लगाए गए हैं और कमांड सेंटर पर भी अफसरों की तैनाती की गई है।
4. एक्स-रे मशीन की संख्या बढ़ाई गई : एयरपोर्ट पर यात्रियों के सामान की जांच के लिए एक्स-रे मशीन की संख्या भी बढ़ा दी गई है। नौ दिन के अंदर सिक्योरिटी चेक एरिया में पांच नए एक्स-रे मशीन इंस्टॉल कर दिए गए हैं। अब टर्मिनल-3 पर 18 एटीआरएस और एक्स-रे मशीन हो चुकी हैं।
5. टर्मिनल-3 पर डिजियात्रा की शुरुआत : दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए सरकार ने डिजियात्रा प्रक्रिया की शुरुआत की है। इसमें यात्रियों की पहचान फेशियल बायोमेट्रिक के जरिए की जा रही है। यह एक मोबाइल एप है। यात्रियों को इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करके वैरिफिकेशन पूरा करना होगा। इस एप की मदद से चेहरे की पहचान के आधार पर सभी चेकप्वाइंट पर यात्रियों की एंट्री होगी। एयरपोर्ट की एंट्री, सिक्योरिटी चेक और बोर्डिंग गेट तीनों जगहों पर एप से ही काम हो जाएगा।
डिजियात्रा एप में आधार के जरिए वैरिफिकेशन होगा और यात्री को अपनी तस्वीर भी लेनी होगी। एयरपोर्ट के ई-गेट पर यात्री को पहले बार-कोड वाला बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा। इसके बाद वहां लगी ‘फेशियल रिकग्निशन’ प्रणाली यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज का वैरिफिकेशन करेगी। इस प्रक्रिया के बाद यात्री ई-गेट के जरिए एयरपोर्ट के अंदर जा सकेंगे।
डिजियात्रा एप में आधार के जरिए वैरिफिकेशन केवल एक बार ही करना होगा। इसके बाद जब भी आप यात्रा करेंगे तो आपको वेब चेक-इन के बाद अपना टिकट एप पर अपलोड करना होगा। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आपको अपना टिकट स्कैनर पर रखना होगा। जहां पर आपका चेहरा स्कैन होगा। इसके बाद आपकी एंट्री हो जाएगी।
जानिए क्यों अचानक से एयरपोर्ट पर जुटने लगी भीड़?
इसे समझने के लिए हमने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रिटायर्ड ऑफिसर पी. एस सावंत से बात की। उन्होंने कहा, ‘कोरोनाकाल में पूरी दुनिया के अंदर एक ठहराव की स्थिति थी। केवल वही लोग यात्रा कर रहे थे, जिन्हें बहुत जरूरी था। अब धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं। मौजूदा समय घरेलू यात्रियों के बढ़ने के दो बड़े कारण हैं- कोरोना का खौफ कम होना और पर्यटन में इजाफा।’
1. कोरोना का खौफ कम हुआ : मार्च 2020 से कोरोना के चलते सभी तरह की उड़ाने प्रभावित हुईं थीं। लोग विमान से आने-जाने में खतरा महसूस करने लगे थे। उड़ानों की संख्या भी कम हो गई थी। अब लोगों के बीच से कोरोना का खौफ कम हो गया है। पिछले साल दिसंबर तक लोग कोरोना की तीसरी लहर से परेशान थे। इस साल कोरोना के मामलों में कमी आई है। यही कारण है कि लोग बड़े पैमाने पर अब बाहर निकलने लगे हैं। उड़ानों की संख्या भी बढ़ने लगी है।
2. पर्यटन में हुआ इजाफा: साल का अंतिम महीना चल रहा है। ऐसे में ज्यादातर लोग छुट्टियों में घूमने जाते हैं। इसके चलते हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। घरेलू उड़ानों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे हवाई अड्डे पर देखने को मिलता है। ये देश के बड़े हवाई अड्डे हैं और यहां से हर क्षेत्र के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भरी जाती हैं। इसके अलावा इन हवाई अड्डों के नजदीक ही कई हिल स्टेशन हैं। अब यात्री किराया में भी काफी कमी आने लगी है।
पिछले साल के मुकाबले तेजी से यात्रियों में हुआ इजाफा
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल यानी जनवरी 2021 से सितंबर 2021 तक कुल 5.31 करोड़ से ज्यादा घरेलू यात्रियों ने हवाई यात्रा की। इस साल आंकड़ों में 64.11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस साल जनवरी से सितंबर तक कुल 8.74 करोड़ से ज्यादा घरेलू यात्रियों ने उड़ानें भरी हैं।
हर रोज चार लाख यात्री
देश में अभी कुल 174 एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट्स और वॉटरड्रोम्स हैं, जहां अलग-अलग तरह के विमानों और हेलीकॉप्टर की आवाजाही होती है। इनमें ज्यादातर ऐसे एयरपोटर्स हैं, जहां से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती हैं। कोरोना के चलते मार्च 2020 से इस साल मार्च तक फ्लाइट्स की संख्या में काफी कमी देखी गई थी। हालांकि, धीरे-धीरे इसमें बढ़ोतरी शुरू हुई।
आंकड़े देखें तो इस साल पिछले महीने 25 नवंबर तक इन एयरपोर्ट्स पर हर रोज दो से साढ़े तीन लाख घरेलू यात्री उड़ाने भरते थे, जबकि करीब एक से दो लाख अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भरी जाती थीं। लेकिन इसके बाद इसमें काफी तेजी आई। 27 नवंबर को केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर जानकारी दी की साल 2022 में दूसरी बार 26 नवंबर को घरेलू यात्रियों की संख्या चार लाख से अधिक पहुंची है।
इसके बाद 27 और 28 नवंबर को भी घरेलू यात्रियों की संख्या चार लाख से अधिक रही। वहीं, ओवरऑल यात्रियों की संख्या करीब आठ लाख रही। दो दिसंबर से अब तक हर रोज घरेलू यात्रियों की संख्या चार से साढ़े लाख लाख तक रही है। ये लगातार बढ़ रही है। सबसे ज्यादा दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर भीड़ बढ़ी है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहीं से ज्यादातर घरेलू उड़ानें होती हैं।
विस्तार
पिछले कई दिनों से दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से यात्रियों की भारी भीड़ और अव्यवस्थाओं की खबरें आ रहीं थीं। लोगों को फ्लाइट पकड़ने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था। हवाई अड्डे के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर चेक इन और सुरक्षा जांच के बाद विमान में चढ़ने तक काफी मशक्कत करना पड़ती थी। सोशल मीडिया पर फूटे यात्रियों के गुस्से और इस पर मीडिया में आई खबरों के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट पर सुविधाओं में बढ़ोतरी कर दी है।
दो दिन पहले जहां लोगों को एक से दो घंटे तक लाइन में खड़े रहना पड़ता था, वहां अब 15 मिनट में ही काम हो रहा है। आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या-क्या बदलाव किया है? किस तरह की सुविधाएं बढ़ाई हैं?