
जीएसटी (सांकेतिक तस्वीर)।
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बेहतर अनुपालन के साथ त्योहारों में ग्राहकों के जमकर खर्च करने से नवंबर में जीएसटी के रूप में सरकार की कमाई सालाना आधार पर 11 फीसदी बढ़ी है। इसके साथ ही इस साल मार्च से यह लगातार नौवां महीना है, जब संग्रह 1.40 लाख करोड़ से अधिक रहा है।
वित्त मंत्रालय के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1,45,867 करोड़ रुपये के कुल संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) का योगदान 25,681 करोड़ रुपये रहा। राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) की 32,651 करोड़ और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) की 77,103 करोड़ की हिस्सेदारी रही। आईजीएसटी में 38,635 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क से जुटाए गए। कुल जीएसटी संग्रह में उपकर के जरिये 10,433 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात से एकत्रित 817 करोड़ रुये सहित) जुटाए गए। केपीएमजी के पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन का कहना है कि जीएसटी संग्रह बढ़ने में त्योहारी खरीद जारी रहने, शादियों का मौसम और साल के अंत में इनपुट टैक्स क्रेडिट का मिलान आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
5 राज्यों में सर्वाधिक संग्रह
राज्य | वसूली (करोड़ रु. में) |
महाराष्ट्र | 21,611 |
कर्नाटक | 10,238 |
गुजरात | 9,333 |
तमिलनाडु | 8,551 |
उत्तर प्रदेश | 7,254 |
कम राजस्व वाले 5 राज्य
राज्य | संग्रह (करोड़ रु. में) |
लक्ष्यद्वीप | 0 |
दमनदीव | 0 |
अंडमान-निकोबार | 23 |
मिजोरम | 24 |
नगालैंड | 34 |
9वें महीने भी वसूली 1.40 लाख करोड़ पार
मार्च | 1,42,095 |
अप्रैल | 1,67,540 |
मई | 1,40,885 |
जून | 1,44,616 |
जुलाई | 1,48,995 |
अगस्त | 1,43,612 |
सितंबर | 1,47,686 |
अक्तूबर | 1,51,718 |
नवंबर | 1,45,867 |
(आंकड़े : करोड़ रुपये में) |
- हरियाणा : 6,769 करोड़, दिल्ली : 4,566 करोड़, पंजाब : 1,669 करोड़, हिमाचल : 672 करोड़, जम्मू-कश्मीर : 430 करोड़, चंडीगढ़ : 175 करोड़
- 77,103 करोड़ रुपये आईजीएसटी।
- 32,651 करोड़ रुपये एसजीएसटी।
- 25,681 करोड़ सीजीएसटी का रहा योगदान।
- संग्रह बढ़ाने में रियल एस्टेट और वाहन बिक्री की बड़ी भूमिका है।
- अधिकारी कर चोरी करने वालों पर कार्रवाई भी कर रहे हैं।
अब तक : 11.91 लाख करोड़ रुपये की कमाई
टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी में पार्टनर विवेक जालान ने कहा, 2022-23 के बजट में जीएसटी राजस्व 7.8 लाख करोड़ रहने का अनुमान रखा गया है। इसमें 6.6 लाख करोड़ केंद्रीय जीएसटी और 1.2 लाख करोड़ क्षतिपूर्ति उपकर रहने का अनुमान है। इसका मतलब है कि जीएसटी संग्रह 14.4 लाख करोड़ रुपये के करीब रहेगा।
- जालान का कहना है कि आंकड़े अगर देखें तो नवंबर तक जीएसटी संग्रह के रूप में सरकार की झोली में पहले ही 11.91 लाख करोड़ रुपये आ चुके हैं।
- अगले चार महीनों में जीएसटी संग्रह पांच लाख करोड़ भी रहता है तो लक्ष्य से 2.5 लाख करोड़ रुपये अधिक होगा, जो बजट अनुमान से 17% ज्यादा होगा।
विनिर्माण गतिविधियां तीन माह के उच्च स्तर पर पहुंचीं
महंगाई घटने से लागत का दबाव कम होने, नए ऑर्डर और निर्यात में वृद्धि से विनिर्माण गतिविधियां नवंबर में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गईं। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) पिछले माह बढ़कर 55.7 पर पहुंच गया। अक्तूबर में यह 55.3 रहा था।
परिचालन में 17वें महीने भी सुधार : एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, नवंबर के पीएमआई आंकड़ों के साथ ही लगातार 17वें महीने में समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार देखने को मिला। हाल के महीनों में नए ऑर्डर की संख्या और निर्यात में इजाफा हुआ है।
लागत महंगाई 28 माह में सबसे कम, बढ़ा रोजगार
लीमा ने कहा कि कीमतों के मोर्चे पर देखा जाए तो लागत से जुड़ी महंगाई 28 महीनों में सबसे कमजोर रही। दाम फरवरी के बाद सबसे कम गति से बढ़े हैं। वहीं, रोजगार की दृष्टि से भी नवंबर अच्छा महीना रहा। लगातार नौंवे महीने रोजगार में भी मजबूत वृद्धि देखने को मिली है।
पेट्रोल-डीजल की बिक्री दहाई अंकों में
कृषि क्षेत्र की बढ़ती मांग से देश में पेट्रोल और डीजल की बिक्री नवंबर में सालाना आधार पर दहाई अंक में बढ़ी है। बृहस्पतिवार को पेट्रोलियम उद्योग के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने पेट्रोल की बिक्री 11.7 फीसदी बढ़कर 26.6 लाख टन पहुंच गई। पिछले साल इसी महीने में 23.8 लाख टन खपत हुई थी।
- डीजल की बिक्री 27.6 फीसदी बढ़कर 73.2 लाख टन पहुंच गई। नवंबर, 2020 की तुलना में खपत 17.4 फीसदी और कोविड-पूर्व यानी 2019 से 9.4 फीसदी अधिक रही।
बिजली खपत : 14 फीसदी बढ़कर 112.81 अरब यूनिट
बिजली खपत नवंबर में सालाना आधार पर 13.6 फीसदी बढ़कर 112.81 अरब यूनिट पहुंच गई। पिछले साल नवंबर में खपत 99.32 अरब यूनिट और अगस्त, 2020 में 96.88 अरब यूनिट थी। आर्थिक और कृषि गतिविधियों में तेजी से बिजली की खपत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।