
नरेंद्र मोदी-राहुल गांधी (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
ख़बर सुनें
विस्तार
प्रधानमंत्री राजनीति की हर नब्ज को कितनी बारीकी से समझते हैं, जनता के मूड की समझ उनमें कितनी गहरी है इसकी एक बानगी उन्होंने फिर दिखाई। गुजरात के पहले चरण के मतदान के दिन प्रधानमंत्री ने दूसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में दो रैलियों को संबोधित किया। दोनों रैलियों में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के मर्म पर चोट करने वाले जहर बुझे तीर छोड़े। अपने वक्तव्य में उन्होंने 2023 में प्रस्तावित राज्यों के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव की राजनीति का संकेत दे दिया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के वक्तव्य का जिक्र किया, लेकिन प्रधानमंत्री ने बिना उनका नाम लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके परिवार को निशाने पर ले लिया। कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री की तुलना लंकापति रावण से की थी। गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका चुटीले अंदाज में जवाब दिया। मोदी ने अपने वक्तव्य में मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लेकर उनपर सीधे हमला नहीं बोला और परोक्ष हमले में उन्हें रबर स्टांप कांग्रेस अध्यक्ष बता दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खरगे का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि खरगे वहीं कहेंगे, जो उन्हें बोलने के लिए कहा जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष का पावर और इसका रिमोट कंट्रोल तो गांधी परिवार के पास है
प्रधानमंत्री ने इस बहाने सीधे गांधी परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने संकेतों में खरगे को रबर स्टांप कांग्रेस अध्यक्ष बताते हुए उनका रिमोट कंट्रोल गांधी परिवार के पास होने को हवा दे दी है। बिना कहे ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर ले लिया। दरअसल, गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार में भाजपा के निशाने पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ही हैं। लेकिन इसमें कहीं भी मल्लिकार्जुन खरगे नहीं है। इस रणनीति को भाजपा का समझदारी भरा सियासी कदम कहा जा रहा है। भाजपा के रणनीतिकारों का भी मानना है कि राहुल गांधी और गांधी परिवार को राजनीतिक हमलों से बचाने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके रणनीतिकारों ने मल्लिकार्जुन खरगे का कवच के रूप में इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि हिमाचल के चुनाव प्रचार में प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला, लेकिन राहुल गांधी दूर रहे। गुजरात विधानसभा के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी अभी तक केवल अपनी इंट्री कराकर भारत जोड़ो यात्रा को जारी रखने में जुट गए हैं। लेकिन भाजपा के नेताओं की कोशिश गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे का ठीकरा राहुल गांधी और गांधी परिवार पर ही फोड़ने की रहेगी। इसे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा, उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों से भी सहज समझा जा सकता है।
गांधी परिवार से क्यों ध्यान नहीं हटाना चाहती भाजपा?
कांग्रेस मुख्यालय से लेकर भाजपा मुख्यालय तक हर बड़ा नेता मल्लिकार्जुन खरगे और जगत प्रकाश नड्डा को एक ही श्रेणी का पार्टी अध्यक्ष मानता है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री का कहना है कि भाजपा के अंदरुनी मामले पर वह टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन असल में भाजपा को गृहमंत्री अमित शाह हांकते (चलाते) हैं। जेपी नड्डा तो अध्यक्ष के नाम पर कागज के शेर हैं। यही स्थिति भाजपा मुख्यालय के नेताओं की भी है। वह खरगे को कांग्रेस का रबर स्टांप अध्यक्ष मानते हैं। प्रधानमंत्री के हमले ने खुद इसका खुला संकेत दे दिया है। राजस्थान से आने वाले भाजपा के वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जारी रहने तक शांत रहने के लिए कहा है। सूत्र का कहना है कि यह कांग्रेस का अंदरुनी मामला है, लेकिन जयपुर के अखबार में छपा था कि वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं को राहुल गांधी का संदेश सुनाकर उनके बीच में कुछ दिन की शांति बनाने की कोशिश की है।
अध्यक्ष भले खरगे हों लेकिन निशाना राहुल गांधी ही बनेंगे
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भले ही मल्लिकार्जुन खरगे हों, लेकिन राजनीतिक हमले के केंद्र में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ही रहेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में कुछ नेता मानते हैं कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की राजनीतिक हैसियत किसी भी मामले में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कम नहीं है। भाजपा के नेता और उसके रणीनतिकार कांग्रेस के भविष्य का नेता राहुल गांधी को ही मान रहे हैं। इसलिए सत्ता पक्ष अपने टारगेट से ध्यान नहीं भटकाना चाहता।