
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा हाथरस के (एसपी) पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, तत्कालीन क्षेत्राधिकारी राम शब्द, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह व हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। निलंबित हुए सात पुलिसकर्मियों का नारको टेस्ट भी करवाया जाएगा । कल CM योगी की बैठक में SIT की रिपोर्ट के आधार पर ये फैसला लिया गया।
मीडिया में पुलिस की करतूत दिखने पर सरकार ने कुछ पुलिस वाले को ससपेंड करके इस मामले में खानपूर्ति बस की है। और असली गुनहगारों अभी भी बेख़ौफ़ घूम रहे है।

कल मुख्यमंत्री योगी ने ट्विट करके कहा कि
“उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है। यह हमारा संकल्प है-वचन है।’
मीडिया के पीड़िता से मिलने पर रोक
उत्तर प्रदेश की सरकार तानाशाह रवईया अपनाइये हुए है और मीडिया के जाने से पूरी तरह रोक लगा दी गयी है, पुलिस की पास कोई जवाब भी नहीं है की किस आर्डर से मीडिया को हाथरस के पीड़िता के परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह किस तरह का न्याय है।