
UP: भाई और बाप तक को पता नहीं था की उनकी अपनी बेटी का अंतिम संस्कार हो रहा है। गैंगरेप पीड़िता का शव रात में 12:45 पहुंचा. एंबुलेंस को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था तो लोगों ने उसे रोक दिया. एंबुलेंस पीड़िता के गांव के पास रात 2:35 बजे तक रुकी रही. 2:45 बजे बार-बार असफल प्रयासों के बाद पुलिस ने एम्बुलेंस को अंतिम संस्कार के लिए रवाना किया. इसके बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया. और विडियो भी बनाया ताकि ये बता सके कि उसके परिजन वहां मौजूद थे.
ये UP प्रशासन है जो रेप कों छेड़खानी बताया जबकि पीड़िता के भाई ने कहा कि FIR के लिए हमें 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ा था. रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी. धरना-प्रदर्शन के बाद आगे की कार्रवाई हुई और आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया. पीड़िता के भाई ने कहा कि पुलिसवालों ने एंबुलेंस तक नहीं मंगाई. बहन जमीन पर लेटी हुई थी. पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ. ये बहाने बनाकर लेटी हुई है. खुद ऑटो में लेकर हाथरस के अस्पताल में गए थे .शर्म आनी चाहिए ऐसे पुलिस के रवैए पर.

आइए जानते है विस्तार से
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप कि पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई थी कल यानी 29 सितंबर को, 14 सितंबर को पीड़िता अपनी मा के साथ खेत में काम करने गई थी कुछ समय बाद मा ने पीछे मुड़कर कर देखा तो बिटिया नहीं थी। मां सोची घर को चली गई होगी लेकिन मा को जब उसकी चप्पल दिखी तो कुछ संदेह हुआ फिर काफी खोज बिन करने के बाद लड़की खून से लतपत मिली.
पीड़िता की हालत ऐसी थी कि जितना भी बयां करे कम है दरिंदों ने इतनी पिटाई की थी कि रीढ़ की हड्डी तक टूट गई, इससे भी जी न भरा तो जीभ काट दी ताकि वो कुछ बता न सके।आरोपियों के नाम रवि, लवकुश, संदीप, रामू हैं. चारो आरोपी उच्च वर्ग के बताए जा रहे है.