अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि रात में देर से भोजन करने की आदत कैलोरी की मात्रा, मेटाबॉलिज्म और पाचन तंत्र को प्रभावित करती है जिसके कारण वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है। अध्ययन में शोधकर्ताओं में प्रयोगात्मक तथ्यों के आधार पर बताया है कि रात में देर से खाने की आदत ऊर्जा व्यय में कमी, भूख में वृद्धि और वसा ऊतकों में परिवर्तन को बढ़ा देती है। ये स्थितियां संयुक्त रूप से मोटापे के खतरे को बढ़ा देती हैं।
विशेषज्ञों की टीम से सभी लोगों से भोजन के नियमबद्ध सेवन पर विशेष ध्यान देने की अपील की है। आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से समझते हैं।
ब्रिघम डिवीजन ऑफ स्लीप एंड सर्कैडियन डिसऑर्डर के शोधकर्ताओं की टीम ने अध्ययन में उन तंत्रों के बारे में जानने की कोशिश की जिनके कारण रात में देर से खाने से मोटापे का खतरा बढ़ सकता है। प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक फ्रैंक ए जे एल स्कीर कहते हैं, पहले के अध्ययनों में भी देर से भोजन करने से मोटापे के जोखिमों के बारे में बताया जाता रहा है। इस बार हम यह जानना चाहते थे कि आखिर ऐसा होता क्यों है?
अध्ययन में हमने पाया कि निर्धारित समय से चार घंटे के बाद भोजन करने के कारण हमारे भूख के स्तर पर महत्वपूर्ण अंतर पड़ता है, जिससे कैलोरी बर्न और वसा का संचय भी प्रभावित होता है, जो मोटापे का कारण बनती है।
इसके लिए शोधकर्ताओं की टीम ने अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), अधिक वजन या मोटापे के शिकार लोगों पर अध्ययन किया। इसमें लोगों को दो हिस्सों में बांटा गया। पहले समूह के लोगों ने कुछ समय तक निर्धारित समय पर भोजन किया जबकि दूसरे समूह वालों को लगभग चार घंटे बाद भोजन दिया गया। प्रतिभागियों के सोने और जागने के समय पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। भोजन का समय किस प्रकार से मॉलीक्यूलर पाथवे को प्रभावित करता है इसे जानने के लिए भी जांच किए गए।
अध्ययन के परिणामों से पता चला कि देर से भोजन करने वाले लोगों में लेप्टिन और ग्रेलिन जैसे भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स पर असर देखा गया। लेप्टिन हार्मोन जो पेट भरा होने का संकेत देता है, इसकी देर से भोजन करने वाले लोगों में विशेष कमी देखी गई। ऐसे लोगों में दूसरे समूह वालों की तुलना में कैलोरी बर्न की गति भी कम देखी गई जिसके कारण वजन बढ़ने का खतरा भी अधिक देखा गया।
निष्कर्ष में टीम ने पाया कि देर से खाने वाले लोगों में शारीरिक और आणविक तंत्र प्रभावित होते हैं जो समय के साथ मोटापे के खतरे को बढ़ा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर इस समस्या को बढ़ा हुआ देखा गया है।
अध्ययन में शोधकर्ताओं की टीम ने मोटापे की स्थिति को कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारक माना है, इसमें से कुछ को वैश्विक स्तर पर बढ़ते मृत्यु के प्रमुख कारकों के तौर पर भी देखा जाता रहा है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञों ने बताया कि मोटापा सीधे तौर पर हृदय संबंधी जोखिम वाले कारकों को बढ़ाता है जिसमें डिस्लिपिडेमिया, टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और नींद संबंधी विकार शामिल हैं।
कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के बढ़ते खतरे के लिए भी मोटापे को जोखिम कारक के तौर पर देखा जा रहा, ऐसे में सभी उम्र के लोगों को अपने स्तर पर मोटापे से बचाव के उपाय करते रहना चाहिए। रात के समय में जल्दी भोजन करने और भोजन के बाद वॉक की आदत बनाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।
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स्रोत और संदर्भ
Eating late increases hunger, decreases calories burned, and changes fat tissue
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