
हरविंद्र सिंह रिंदा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की गोद में बैठे नामी गैंगस्टर हरविंदर रिंदा की मौत से पाकिस्तान की एजेंसियों के सपने चकनाचूर हो गए हैं। रिंदा ही एकमात्र आतंकी था जो पंजाब में नए चेहरों का इस्तेमाल कर आईएसआई के प्लान नार्को टेररिज्म के नेटवर्क को बढ़ा रहा था। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के रडार पर ऐसे 90 कुख्यात गैंगस्टर हैं, जिनके तार रिंदा से जुड़ रहे थे। पंजाब में नार्को टेररिज्म का नेटवर्क बढ़ाने में जुटी आईएसआई को तगड़ा झटका लगा है। रिंदा की मौत से गैंगस्टर और आतंकवाद का गठजोड़ टूटेगा।
हरविंदर रिंदा जब से पाकिस्तान में सक्रिय हुआ तब से पंजाब में हथियार, ड्रग की खेप लगातार आ रही थी और आतंकवाद के बादल मंडरा रहे थे। उसका पंजाब में गैंगस्टरों के जरिये जमीनी स्तर पर जबरदस्त नेटवर्क था। उसके नेटवर्क से करीब 1500 युवा जुड़े हुए थे। इसका पूरा फायदा आईएसआई ले रही थी। आईएसआई की एक खेप पकड़ी जाती तो अगले ही पल नए चेहरों के जरिये नई खेप पंजाब में ड्रोन के जरिये उतर रही होती।
रिंदा पंजाब में नामी गैंगस्टर रहा है, उस पर 10 लाख का इनाम भी था। वह पंजाब यूनिवर्सिटी में सक्रिय रहा है और यही वजह है कि पंजाब के नामी गैंगस्टर दिलप्रीत ढाहा, जयपाल भुल्लर, प्रदीप चाना, गुरजोत गरचा, हरजिंदर सिंह आकाश के साथ उसके संबंध रहे। जयपाल भुल्लर को पंजाब पुलिस की टीम ने कोलकाता में मुठभेड़ में मार गिराया था और उसके मोबाइल में हरविंदर रिंदा का नंबर मिला था। इतना ही नहीं, भुल्लर की मौत के बाद उसके पूरे नेटवर्क को रिंदा ही पाकिस्तान से संभाल रहा था।
करनाल पुलिस ने जिस गुरप्रीत को विस्फोटक के साथ पकड़ा वह भी बदमाश रहा है और रिंदा का साथी था। चंडीगढ़ में सतनाम सिंह हत्याकांड का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा के साथ रिंदा भी था। पंजाब में गैंगस्टर रहे रुपिंद्र गांधी के भाई कांग्रेसी नेता मनमिंदर सिंह की खन्ना के गांव रसूलड़ा में हत्या के 28 घंटे बाद रिंदा गैंग के गुरजोत गरचा ने फेसबुक पर हत्या की जिम्मेदारी लेकर लिखा कि इस हत्याकांड में हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा संधू का हाथ है। हत्या के पीछे रंजिश का हवाला दिया गया।
इसके साथ ही गैंगस्टर गुरजोत ने फेसबुक पर धमकी भी दी कि अगर कोई व्यक्ति उनके खिलाफ चलेगा तो उसे भी देख लेंगे। एजेंसियों के एक उच्च अधिकारी के मुताबिक, रिंदा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कम से कम 1500 युवाओं से जुड़ा हुआ था और उसने पाकिस्तान पहुंचने के बाद भी अपने नेटवर्क को कमजोर नहीं होने दिया, बल्कि मजबूत रखा और पाकिस्तान से आधुनिक हथियार पंजाब के गैंगस्टरों को लगातार भेज रहा था।
अमृतसर में सब-इंस्पेक्टर की कार के नीचे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाने वाले गैंगस्टर ही थे, तार जुड़ते जुड़ते रिंदा तक जा पहुंचे। पुलिस ने मौके से 2.79 किलो आईईडी, जिसमें करीब 2.17 किलो विस्फोटक था, को मौके से बरामद किया था। आईईडी लगाने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान तरनतारन के पट्टी गांव के दीपक (22) के रूप में हुई है, जबकि छह अन्य, जिन्होंने रसद, तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की थी, की पहचान पुलिस कांस्टेबल हरपाल सिंह, फतेहदीप सिंह राजिंदर कुमार, खुशलबीर सिंह, वरिंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह के रूप में की गई है। इनके तार आतंकी लंडा से जुडे़ और लंडा के पाकिस्तान में हरविंदर रिंदा से। रिंदा ने ही लंडा के कहने पर पाकिस्तान से गैंगस्टरों को विस्फोटक भेजा था।
एनआईए के राडार पर 90 गैंगस्टर, रिंदा थमा रहा था हथियार
आतंकवाद गैंगस्टर गठजोड़ पर केंद्रीय एजेंसियों ने पूरा होमवर्क किया और पूरा डोजियर तैयार किया तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि 90 कुख्यात गैंगस्टर रिंदा के साथ संपर्क में थे, जो पाकिस्तान से हथियार व ड्रग मंगवा रहे थे। यही वजह रही कि एनआईए ने गैंगस्टर आतंकी गठजोड़ पर जोरदार प्रहार करते हुए 52 स्थानों पर छापा मारा। राजस्थान के चुरू का संपत नेहरा, हरियाणा के झज्जर का नरेश सेठी, नारनौल का सुरेंदर उर्फ चीकू बवाना, दिल्ली का नवीन उर्फ बाली, बाहरी दिल्ली का अमित उर्फ दबंग, गुरुग्राम हरियाणा का अमित डागर और संदीप उर्फ बांदर सलीम उर्फ पिस्टल कुर्बान और रिजवान जो कि उत्तर प्रदेश के खुर्जा के रहने वाले हैं और इनके सहयोगियों के ठिकानों छापा मारा गया।
एजेंसियों ने रिंदा के आतंकी-गैंगस्टर गठजोड़ पर चिंता जाहिर की थी…
11 नवंबर को पंजाब की खुफिया एजेंसी ने सरकार को आगाह किया था कि पाकिस्तान में एक बड़ी साजिश के इनपुट मिले हैं। देश विरोधी गतिविधियां बढ़ाने के लिए रिंदा भारत के गैंगस्टरों को ही केवल एकजुट नहीं कर रहा था, बल्कि विदेश में बैठे आतंकियों को भी उनके साथ लाने की फिराक में था। रिंदा ने लॉरेंस बिश्नोई के दाहिने हाथ गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और फिरोजपुर के गैंगस्टर चंदन उर्फ चंदू से भी विवाद सुलझा लिया था और सभी गैंगस्टरों को एकजुट कर रहा था।
डेरा प्रेमी प्रदीप कुमार की हत्या के बाद पुलिस का शक और गहरा गया है। गैंगस्टर फिरौती और बदलाखोरी में जुर्म करते हैं, लेकिन यह पहला मौका था जब कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने डेरा प्रेमी प्रदीप कुमार की हत्या की खुलकर जिम्मेदारी ली और गैंगस्टरों को ही हथियार थमाकर आतंकवाद की तरफ झोंक दिया।
केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, आईएसआई ने जान बचाने का दांव खेलकर रिंदा को पाकिस्तान शिफ्ट किया और अब उसकी कोशिश अमेरिका, कनाडा, जर्मनी में बैठे खालिस्तानी आतंकियों को एक लड़ी में जोड़कर भारत में टारगेट किलिंग को अंजाम दिलाना है, ताकि पंजाब में आतंक का माहौल बनाकर देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाई जा सके। लेकिन रिंदा की मौत से आईएसआई का मास्टर प्लान फेल हो गया है और गैंगस्टर आतंकी गठजोड़ के नेटवर्क को धक्का लगा है।