
कांग्रेस नेता नसीम खान
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विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार की नीतियों के खिलाफ 17 दिसंबर को मुंबई में एक विरोध मार्च करेंगे। विरोध मार्च की तैयारियों को लेकर रविवार को विपक्षी धड़े ने एक बैठक की। कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि मार्च सुबह 11.30 बजे भायखला के जीजामाता उद्यान से शुरू होगा और दक्षिण मुंबई के सीएसएमटी स्टेशन पर समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह राजनीति के लिए मार्च नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के गौरव की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेता आंदोलन में हिस्सा लेंगे। महाराष्ट्र-कर्नाटक राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच विपक्षी दल कर्नाटक के आक्रामक रुख के खिलाफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर मूक दर्शक होने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद उन मुद्दों में से हैं, जिन्हें आगामी विरोध के दौरान उजागर किया जाएगा।
विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले निकाला जाएगा मार्च
एमवीए का एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध मार्च विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले निकाला जाएगा। इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा था कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा महाराष्ट्र के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयानों को लेकर यह विरोध मार्च निकाला जा रहा है।
छत्रपति शिवाजी महाराज का लगातार अपमान
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल और सरकार द्वारा लगातार छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया जा रहा है। कर्नाटक द्वारा दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र से उद्योग दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। इससे महाराष्ट्र की अस्मिता पर ही खतरा पैदा हो गया है। उद्धव ठाकरे ने कहा, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार की वजह से प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्यपाल ने सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले के बारे में जो टिप्पणियां की हैं, उससे महापुरुषों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।