
महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा पर बसे गांवों को लेकर क्षेत्र के विधायक सुभाष धोते का भी बयान आया है।
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महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच में अभी सीमा विवाद थमा भी नहीं है और इस बीच राज्य के तेलंगाना से सटे कुछ गांवों की ओर से मांग की गई है कि उन्हें अलग कर दिया जाए। बताया गया है कि तेलंगाना से सटे महाराष्ट्र के 14 गांव के लोगों ने मांग उठाई है कि उन्हें तेलंगाना में मिला दिया जाए। जिन गांवों की तरफ से ये मांग उठाई गई है, उनमें महाराजगुडा, नाके वडा जैसे गांव के नाम शामिल हैं।
नाके वडा गांव के रहने वाले विजय का कहना है कि यहां लोग तेलंगाना के साथ जाना चाहते हैं, क्योंकि हमें महाराष्ट्र सरकार से ज्यादा फायदे तेलंगाना सरकार से मिल रहे हैं। तेलंगाना सरकार यहां वरिष्ठ नागरिकों को 1,000 रुपये तक पेंशन देती है। इसके अलावा 10 किलो राशन और कई अन्य फायदे दिए जाते हैं। नाके वडा गांव के उप सरपंच ने कहा, “तेलंगाना सरकार से लोगों को कई लाभ मिले हैं। मैं महाराष्ट्र से अपील करता हूं कि वह यहां के लोगों को ज्यादा लाभ पहुंचाए।”
इस मामले पर रजुरा विधानसभा से विधायक सुभाष धोते का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि 14 गांवों के 70-80 फीसदी लोग महाराष्ट्र में रहना चाहते हैं। यहां कुछ लोग हैं, जो तेलंगाना में शामिल होने के पक्षधर हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है। यहां कृषि भूमि के मालिकाना हक देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।