
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और इमरान खान।
– फोटो : ANI
ख़बर सुनें
विस्तार
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को अपने पूर्ववर्ती इमरान खान को यह कहते हुए शांति के प्रस्ताव की पेशकश की कि वह पाकिस्तान की खातिर अपने मतभेदों को दूर करने के लिए तैयार हैं।शरीफ ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान के लिए एक सौ कदम आगे बढ़ाया जा सकता है। सभी मतभेदों को एक तरफ रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री इशाक डार ने हाल ही में खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से संबंधित मामलों को लेकर उनकी अनुमति से राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मुलाकात की थी।
डार के साथ अल्वी की मुलाकात को मीडिया ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान के साथ बातचीत शुरू करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से एक प्रयास बताया था। शरीफ ने कहा कि हम देश की स्थिरता के लिए 100 कदम आगे बढ़ेंगे। लेकिन एक हाथ से ताली नहीं बजती है। जब देश ऐसी स्थिति का सामना कर रहा हो तो हमें बलिदान देना पड़ता है।
बातचीत की पेशकश के साथ शरीफ ने इमरान की आलोचना की
शरीफ की ओर से बातचीत की यह पेशकश पीटीआई द्वारा एक बार फिर पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतों की विधानसभाओं को भंग करने की धमकी के बाद आई है। पीटीआई ने धमकी दी है कि अगर 20 दिसंबर तक आम चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की गई, तो वह पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतों की विधानसभाओं को भंग कर देगी। लेकिन बातचीत की पेशकश करते हुए शहबाज ने खान को “अहंकारी” और “धोखेबाज” कहकर उनकी आलोचना की। शरीफ ने कहा कि मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि यह व्यक्ति (खान) एक धोखेबाज है, जिसका देश के भविष्य से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह (खान) एक बहुत ही अहंकारी व्यक्ति है जो केवल अपने व्यक्तिगत हितों की परवाह करता है और वह अपने निहित स्वार्थों के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकता है।
उन्होंने ब्रिटिश प्रकाशन डेली मेल की माफी के बारे में भी बात की। उन्होंने इसे पाकिस्तान के 2.2 करोड़ लोगों का समर्थन करार दिया, जिसने इमरान खान और उनके साथियों द्वारा रची गई एक देश विरोधी साजिश को भी विफल कर दिया। शरीफ ने कहा कि आखिरकार, तीन साल बाद डेली मेल ने माफी मांगी, न केवल मुझसे बल्कि आप सभी से। यह 2.2 करोड़ पाकिस्तानियों और उन लाखों माताओं और बच्चों के लिए माफी थी जो डीएफआईडी परियोजनाओं (DFID projects) के भोजन और स्वास्थ्य से लाभान्वित हो रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि डीएफआईडी परियोजना की 600 मिलियन पाउंड की राशि पारदर्शी तरीके से खर्च की गई थी और डीएफआईडी द्वारा ही आरोपों का खंडन भी किया गया था।
शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार को एक नाजुक अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है और अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता द्वारा पाकिस्तान पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं होने पर सहायता के अनुरोध के साथ उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाना पड़ा।
एवेनफील्ड मामले में नवाज शरीफ की सजा को पाक पीएम इस्लामाबाद कोर्ट में चुनौती देंगे
एआरवाई न्यूज ने सोमवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि उन्होंने एवेनफील्ड मामले के संबंध में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सजा को चुनौती देने का फैसला किया है। सूत्रों के हवाले से समाचार चैनल ने बताया कि बैठक में उच्च न्यायालय द्वारा मरियम नवाज को बरी किए जाने के बाद जवाबदेही के मामले में आईएचसी में सजा को चुनौती देने का फैसला किया गया है।
समा न्यूज के अनुसार, जुलाई 2017 पनामा पेपर्स की जांच कर रही संयुक्त जांच टीम के निष्कर्षों के आलोक में नवाज शरीफ की नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में सदस्यता निलंबित कर दी गई थी और उन्हें प्रधानमंत्री का पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। समा न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मन अखबार सुडड्यूट्सचे जीटुंग (Suddeutsche Zeitung) ने दुनिया की सबसे बड़ी अपतटीय लॉ फर्म मोसैक फोंसेका के डाटाबेस से करीब 1.15 करोड़ फाइलें हासिल कीं और उन्हें इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) के साथ साझा किया।
आईसीआईजे ने 2016 में पनामा पेपर्स जारी किए थे। कागजात से पता चला था कि शरीफ परिवार लंदन के मेफेयर और पार्क लेन के पॉश इलाकों में चार फ्लैटों का मालिक है। यह परिवार 90 के दशक से फ्लैटों का उपयोग कर रहा था। आरोप है कि शरीफ परिवार ने इन फ्लैटों को गलत तरीके से कमाए गए पैसे से खरीदा था। एआरवाई न्यूज ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि मरियम नवाज, जो इस समय लंदन में हैं, नवाज शरीफ के आने से पहले वापस आ जाएंगी, जिनकी वापसी की घोषणा लंदन से एक बयान के जरिए की जाएगी। उनके जनवरी में पाकिस्तान लौटने की उम्मीद है।
आईएचसी ने 29 सितंबर को मरियम नवाज और उनके पति सेवानिवृत्त कैप्टन सफदर को बरी कर दिया था। अदालत ने एवेनफील्ड मामले में जवाबदेही अदालत द्वारा दी गई सजा को रद्द कर दिया था। जवाबदेही अदालत ने 6 जुलाई, 2018 को एवेनफील्ड संपत्ति मामले में नवाज शरीफ को 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी और साथ ही 80 लाख यूरो का जुर्माना भी लगाया था। एआरवाई न्यूज के मुताबिक, कोर्ट ने मरियम को भी सात साल जेल की सजा और 20 लाख यूरो का जुर्माना लगाया था। उनके पति को एक साल की कैद की सजा दी गई थी।