
छत्तीसगढ़ रायपुर के एक पैरामेडिकल कॉलेज के 310 छात्रों ने एक साथ आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। छात्रों ने प्रशासन को दो दिनों का अल्टीमेटम दिया है जिसमे उन्होंने कहा है कि अगर उनकी मदद नहीं की गई तो वो सभी कलेक्टर कार्यालय में आकर आत्महत्या कर लेंगे। छात्रों के द्वारा दिये गये इस अल्टीमेटम के बाद प्रशासन में हड़कंप है।
दरअसल यह पूरा मामला एक मेडिकल कॉलेज की मान्यता से जुड़ा हुआ है। शहर के सांईनाथ पैरामेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि 3 सालों में एक बार भी हमारी परीक्षा नहीं ली गई। शुरूआत में तो कोविड संक्रमण का बहाना किया गया। मगर हम सभी छात्रों ने जानकारी ली तो पता चला कि कॉलेज को किसी भी प्रकार का मान्यता नहीं मिली है।
जब छात्रों को कॉलेज की मान्यता को लेकर इतनी बड़ी जानकारी मिली तब उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। 2019-20 के इस सत्र में कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्र प्रेस क्लब में अपनी बात रखने पहुंचे थे।
छात्रों का आरोप था कि वो अपनी शिकायत लेकर टिकरापारा थाने में भी गए थे लेकिन वहां टीआई ने उनका आवेदन लिया ही नहीं। छात्रों का यह भी आरोप है कि कॉलेज के संचालक डॉक्टर नरेंद्र पांडेय ने उन्हें धमकियां दी हैं।
भविष्य से खिलवाड़
छात्रों का कहना है कि पिछले करीब 3 साल से उन्हें धोखे में रखा गया। उनसे फीस वसूली गई और अलग-अलग कॉलेजों के नाम पर रसीद दी गई है। छात्रों ने इस मामले में डॉक्टर नरेंद्र पांडेय, राहुल त्रिवेदी, मैनेजर दिव्या टंडन तथा मनीष शर्मा पर उनके साथ दगाबाजी करने का आरोप लगाया है।
यह छात्र कलेक्टर से अपने पैसे वापस दिलवाने और आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।