
नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व सहयोगी और राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। प्रशांत ने दावा किया कि नीतीश कुमार पर जूता फेंकने की 15 साल पुरानी घटना के कारण बिहार का एक गांव जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क से आजतक वंचित है। किशोर ने अपने “जन सूराज” अभियान के तहत पश्चिमी चंपारण जिले में ग्रामीणों के साथ बातचीत करते हुए नीतीश कुमार पर यह ताजा कटाक्ष किया।
किशोर राज्य की 3,500 किलोमीटर लंबी ‘पद-यात्रा’ पर हैं। उन्होंने बेतिया शहर से 32 किलोमीटर दूर जोगापट्टी में ग्रामीणों से बातचीत करते हुए कहा कि गंदी, उबड़-खाबड़ और धूल से भरा रास्ता अस्थमा का दौरा पड़ने वाले यात्रियों के लिए एक बुरे सपने की तरह है।
आईपैक (IPAC) संस्थापक प्रशांत किशोर, जिन्हें नीतीश कुमार ने 2018 में जदयू में शामिल किया था, लेकिन दो साल से भी कम समय बाद निष्कासित कर दिया, ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “मुझे बताया गया है कि सड़क इसलिए नहीं बन रही है क्योंकि यहां किसी ने 15 साल पहले मुख्यमंत्री पर जूता फेंका था। अपराधी का पता नहीं चला, लेकिन पूरे क्षेत्र को दंडित किया जा रहा है।”
इसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने तुरंत पलटवार किया। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद ने कहा कि “प्रशांत किशोर भाजपा के खिलाफ बोलने से इतना कतरा क्यों रहे हैं, जिसने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में लंबे समय तक के लिए सड़क निर्माण विभाग को संभाला है।” अहमद ने कहा कि “चूंकि प्रशांत किशोर राजनीति में नौसिखिए हैं, इसलिए वह इस तरह के तुच्छ बयान दे रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार को बिहार को बदलने का श्रेय दिया जाता है।”
गौरतलब है कि जदयू ने तीन महीने पहले “महागठबंधन” (राजद, कांग्रेस और वामपंथी) के साथ एक नई सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ नाता तोड़ लिया था। जदयू ने किशोर पर बार-बार भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाया है, क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों में किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान को संभाला था।