कश्मीर संभाग के शोपियां में आतंकी गोली का शिकार हुए कश्मीर पंडित पूरण कृष्ण भट्ट का अंतिम संस्कार आज जम्मू के बनतालाब में किया गया। उन्हें उनके बड़े भाई के बेटे शुभम ने मुखागनि दी। वह शहर जम्मू के मुट्ठी स्थित घर में अपनी पत्नी और दो बच्चे संग रहते थे। तीन दिन पहले ही वह जम्मू से शोपियां अपने सेब के बगीचे की देखरेख के लिए गए थे। शनिवार देर रात पूरण कृष्ण का शव मुट्ठी पहुंचा।
जम्मू के बनतालाब में कश्मीर पंडित पूरण कृष्ण भट्ट के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए। साथ ही लोगों ने ‘जिस कश्मीर को खून से सींचा, वो कश्मीर हमारा है’ का भी नारा दिया। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने कहा कि घाटी में रह रहे लोगों को पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए। साथ ही पूरण भट्ट के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो कश्मीर पंडित और डोगरा कर्मचारी घाटी से बाहर तैनाती की मांग कर रहे हैं, सरकार को उनकी मांग को पूरा करना चाहिए। लोगों ने डिव कॉम जम्मू रमेश कुमार से मांग करते हुए कहा कि वह सात दिन के भीतर पूरण भट्ट की पत्नी को सरकारी नौकरी दें और साथ उनके परिवार को पचास लाख रुपये दिए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित मर रहे हैं और सरकार सिर्फ ट्वीट कर रही है। अब समय आ गया कि सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे। मृतक के रिश्तेदारों को सांत्वना देने के लिए मंडलायुक्त जम्मू रमेश कुमार, एडीजी पुलिस मुकेश सिंह, डीसी अवनी लवासा व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित राजनीतिक दलों के लोग भी पहुंचे।
श्रीनगर के इंद्रा नगर में कश्मीरी पंडितों ने पूरण कृष्ण को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कश्मीर संभाग के डिविजनल कमिश्नर पीके पोल भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि निर्दोष व्यक्ति की हत्या की वह घोर निंदा करते हैं। यह कायराना हरकत है। पूरा प्रशासन और स्थानीय नागरिक इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं। डिव कॉम ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद खत्म होने के कगार पर है। बहुत कम ही नए युवा इसमें शामिल हो रहे हैं।