Up Nagar Nikay Chunav: What Is Bjp’s Preparation For Civic Elections, How Will Tickets Be Distributed? – Up Nagar Nikay Chunav: निकाय चुनाव की क्या है Bjp की तैयारी, कैसे होगा टिकट बंटवारा? तीन बिंदुओं में समझें
यूपी नगर निकाय चुनाव – फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने जोरशोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। 20 दिसंबर के बाद कभी भी चुनाव का एलान हो सकता है। 20 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाई है।
राजनीतिक दलों में हलचल है। स्थानीय स्तर पर नेता टिकट को लेकर पार्टी मुख्यालय और दिग्गज नेताओं के यहां चक्कर काटने में जुटे हैं। जीत के लिए रणनीतियां भी तैयार हो रहीं हैं। यूं तो भाजपा, सपा, बसपा समेत कई अन्य दलों के प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में होंगे, लेकिन मुख्य लड़ाई भाजपा और सपा के बीच बताई जा रही है। ऐसे में आज हम जानने की कोशिश करेंगे कि नगर निकाय चुनाव के लिए सत्ताधारी दल भाजपा ने अभी क्या-क्या तैयारियां की हैं? कैसे टिकट बंटवारा होगा? क्या भाजपा अपने सहयोगियों के साथ गठबंधन करेगी या अकेले चुनाव लड़ेगी? आइए जानते हैं…
पहले जानिए 20 दिसंबर तक अधिसूचना जारी करने पर क्यों लगी है रोक? इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर 20 दिसंबर तक रोक लगाई है। राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि तब तक अनंतिम आरक्षण की अधिसूचना को फाइनल न घोषित करें। कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को उचित आरक्षण का लाभ दिए जाने व सीटों के रोटेशन के मुद्दों को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था। 20 दिसंबर को ही इस मामले में सुनवाई होनी है।
क्या है भाजपा की तैयारी? इसे समझने के लिए हमने योगी कैबिनेट के एक दिग्गज मंत्री और यूपी भाजपा के बड़े नेता से बात की। उन्होंने निकाय चुनाव से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर जानकारी दी। ये भी बताया कि पार्टी कैसे चुनाव लड़ेगी।
1. पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे प्रत्याशी: प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में रविवार को हुई बैठक में इसपर फैसला हो चुका है। तय हुआ है कि निकाय चुनाव में मेयर, नगर पालिका, नगर पंचायत के अध्यक्ष व सभासद के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ा जाएगा।
2. गठबंधन के लिए सहयोगियों के साथ बातचीत होगी: अभी यूपी में अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ भाजपा का गठबंधन है। ऐसे में इन पार्टियों के साथ गठबंधन को लेकर भी पार्टी में मंथन चल रहा है। सहयोगी पार्टियों से बातचीत के बाद इसपर आधिकारिक एलान होगा।
3. बगावत रोकने के लिए जिला स्तर पर सहमति बनाने की कोशिश: दिल्ली नगर निगम चुनाव और हिमाचल प्रदेश में भाजपा नेताओं के बगावत का असर परिणाम में दिख चुका है। यूपी में भाजपा इसे दोहराना नहीं चाहती है। ऐसे में पार्टी ने टिकट बंटवारे के दौरान आम सहमति बनाने के लिए जिला स्तर पर पदाधिकारियों को तैयार रहने के लिए कहा है। टिकट दावेदारों से भी एक-एक करके पार्टी के बड़े नेता बात करेंगे।
विपक्ष को कैसे टक्कर देगी भाजपा? इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘निकाय चुनाव में भाजपा जातीय समीकरण साधने के साथ-साथ विपक्षी दलों के वोट काटने की कोशिश भी करेगी। खासतौर पर बसपा, सुभासपा, आरएलडी, आजाद पार्टी के वोटर्स पर पार्टी की नजर होगी। दलित-ओबीसी वोटर्स को साधने के लिए इन वर्ग के बड़े नेताओं को आगे किया जाएगा। टिकट बंटवारे में भी दलित और ओबीसी को तवज्जो मिल सकती है। हालांकि, भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती टिकट बंटवारे की ही होगी। बड़ी पार्टी और सत्ता में होने के चलते टिकट के दावेदारों की संख्या भी काफी अधिक होगी। बगावत रोकना भी उसके लिए बड़ी चुनौती होगी।’
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उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने जोरशोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। 20 दिसंबर के बाद कभी भी चुनाव का एलान हो सकता है। 20 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाई है।
राजनीतिक दलों में हलचल है। स्थानीय स्तर पर नेता टिकट को लेकर पार्टी मुख्यालय और दिग्गज नेताओं के यहां चक्कर काटने में जुटे हैं। जीत के लिए रणनीतियां भी तैयार हो रहीं हैं। यूं तो भाजपा, सपा, बसपा समेत कई अन्य दलों के प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में होंगे, लेकिन मुख्य लड़ाई भाजपा और सपा के बीच बताई जा रही है। ऐसे में आज हम जानने की कोशिश करेंगे कि नगर निकाय चुनाव के लिए सत्ताधारी दल भाजपा ने अभी क्या-क्या तैयारियां की हैं? कैसे टिकट बंटवारा होगा? क्या भाजपा अपने सहयोगियों के साथ गठबंधन करेगी या अकेले चुनाव लड़ेगी? आइए जानते हैं…