
भारत-चीन
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अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने कहा है कि भारत के खिलाफ चीनी आक्रमकता का एक कारण भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध भी हैं। इंडिया कॉकस की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश में चीन की हालिया आक्रामकता इस बात की याद दिलाती है कि भारत के साथ एक मजबूत सुरक्षा साझेदारी अमेरिका और हमारे सहयोगी देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, हालिया घटना भारतीय क्षेत्र में एक और चीनी खतरे के रूप में है।
संबंध मजबूत करने के लिए वर्षों से हो रहा काम
अमेरिकी सांसदों ने कहा, इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में हमने अमेरिका-भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए वर्षों तक काम किया है। सदन द्वारा पारित FY23 NDAA में खन्ना-शर्मन-श्वेइकर्ट संशोधन को शामिल करके इंडिया कॉकस ने इस दिशा में प्रगति हासिल है।
इस दौरान इंडिया कॉकस ने वित्त वर्ष 23 की अंतिम सम्मेलन रिपोर्ट में धारा 1260 को शामिल करने की सराहना की, जिससे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सैन्य सहयोग को मजबूत किया जा सके। जिसमें, खुफिया जानकारी एकत्र करने, पांचवीं पीढ़ी के विमान और भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता और अतिक्रमण को रोकने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग शामिल है। बयान में कहा गया है कि अमेरिका और भारत दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में एक मजबूत साझेदार हैं।