
ममता बनर्जी
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) का मुद्दा उठाया है। ममता बनर्जी ने कहा, सीएए के संभावित क्रियान्वयन के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए दावा किया कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा इस मुद्दे को उठा रही है।
चेन्नई के लिए रवाना होने से पहले कोलकाता एयरपोर्ट पर बनर्जी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि सीएए को लेकर भाजपा राजनीति कर रही है। हम उन्हें इस कानून को लागू नहीं करने देंगे। हमारी सरकार के लिए सभी भारतीय हैं। हम इसके खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, चुनाव और राजनीति इतनी महत्वपूर्ण नहीं है, लोगों का जीवन अधिक महत्वपूर्ण है।
सीएए को पूरे भारत में किया जाएगा लागू
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने कहा कि सीएए को धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, सीएए वंचित और उत्पीड़ित हिंदुओं और अन्य लोगों के लिए है। इसे न केवल गुजरात में बल्कि धीरे-धीरे पूरे भारत में लागू किया जाएगा। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को दावा किया कि देश में सीएए लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और कोई राज्य इससे अछूता नहीं रहेगा।
पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों सीएए रहा भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा
भाजपा विधायक आशिम सरकार ने कहा कि नागरिकता अधिनियम की आवश्यकता नहीं थी, कयोंकि, 1955 के अधिनियम के तहत नागरिकता प्रदान की गई थी। नरेंद्र मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों, हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना चाहती है, जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे। सीएए 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था लेकिन कानून को अभी तक लागू नहीं किया गया है क्योंकि इसके तहत नियम नहीं बनाए गए हैं। सीएए को लागू करने का वादा पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है।
पिछली बार कब हुए थे चुनाव?
गुजरात चुनाव के लिए अभी तारीखों का एलान नहीं हुआ है। गुजरात में पिछली बार दो चरणों में चुनाव हुए थे। 25 अक्टूबर 2017 को चुनाव तारीखों का एलान हुआ। पहले चरण के लिए 14 नवंबर को अधिसूचना जारी हुई थी और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को। पहले चरण का चुनाव नौ दिसंबर 2017 और दूसरे चरण का चुनाव 14 दिसंबर को नतीजे आए थे। पहले चरण में 89 और दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग हुई थी।
त्रिकोणीय हो सकता है मुकाबला
पिछले 24 साल से गुजरात की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी ही काबिज है, लेकिन इस बार समीकरण बदले नजर आएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली और पंजाब जीतने के बाद आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पूरी ताकत लगा दी है। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।