
PM Modi
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ ईस्ट में रविवार को ऐसा कार्ड चला जो कि अगले कुछ महीनों में होने वाले वहां के चुनावों की दशा और दिशा को तय करेगा। पीएम मोदी ने रविवार को मेघालय और त्रिपुरा के कार्यक्रमों से ‘रेड कार्ड’ का जिक्र करके पूरे नार्थ ईस्ट में अभी तक के हुए डेवलपमेंट को एक बड़ा मुद्दा बना दिया। इसके अलावा बॉर्डर पर की जाने वाली विकास की योजनाओं का जिक्र करके नार्थ ईस्ट के लोगों में न सिर्फ भरोसा पैदा किया बल्कि सियासी जमीन पर माहौल भी बना दिया।
पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि ‘रेड कार्ड’ मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड के चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बनने वाला है। पीएम मोदी नॉर्थ ईस्ट दौरे के दौरानी ही तय हुआ कि अगले कुछ महीनों के भीतर भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार के किए गए विकास कार्यों का तो ब्योरा तो जनता के सामने रखेगी ही बल्कि पुरानी सरकारों ने जिस तरीके से विकास के काम में रोड़ा अटकाया और उनको ‘रेड कार्ड’ से बाहर किए जाने का भी पूरा सिजरा भी सामने रखा जाएगा। मार्च में मेघालय त्रिपुरा और नगालैंड सरकार के पांच साल पूरे हो रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से रविवार को हजारों करोड़ रुपए की योजनाओं से त्रिपुरा और मेघालय के डेवलपमेंट का खाका खींचा है उससे वहां का विकास तो दिख ही रहा है, जबकि अगले कुछ सालों में और नई योजनाओं के साथ बड़ा डेवलपमेंट स्ट्रक्चर तैयार होगा। पार्टी से जुड़े और नॉर्थ ईस्ट में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी निभाने वाले एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि उनकी पार्टी लगातार नॉर्थ ईस्ट में काम तो कर ही रही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के रविवार को हुए दौरे से संगठनात्मक स्तर पर बहुत मजबूती मिलेगी।
वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से ‘रेड कार्ड’ का जिक्र किया, वह नॉर्थ ईस्ट में बड़ा जादू बिखेरेगा। भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी की सबसे मजबूत कड़ी बूथ स्तर पर बनाया गया नेटवर्क है और इसी नेटवर्क के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी अब रेड कार्ड दिखाकर बाहर किए जाने वाले नेताओं और पार्टियों की पूरी कहानी नार्थ ईस्ट के लोगों के बीच रखेगी।
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि भारतीय को लेकर पुरानी सरकारों का रवैया दुभांतिपूर्ण रहा था। यही वजह है कि नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कुछ भी नहीं हुआ। जबकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से न सिर्फ केंद्र के मंत्रियों का नॉर्थ ईस्ट और खासतौर से सीमा से लगे राज्यों में दौरा बढ़ने लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब तक 50 बार से ज्यादा इस इलाके में लोगों से रूबरू हुए हैं और डेवलपमेंट का पूरा रोड में तैयार करके बड़ी बड़ी योजनाओं को यहां पर शुरू किया है और शिलान्यास किया है।
पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को हुए मेघालय और त्रिपुरा के कार्यक्रमों के बाद अब चुनावी रणनीतियों में धार दी जानी शुरू हो जाएगी। वह कहते हैं कि चुनावी माहौल हो या ना हो भारतीय जनता पार्टी लगातार नॉर्थ ईस्ट के डेवलपमेंट के लिए प्रयासरत रहती है। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के नुमाइंदे लगातार विजिट भी कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से नॉर्थ ईस्ट में चुनावी राज्यों में रणनीति बनाने वाली टीम के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि अगले कुछ दिनों में केंद्र के कई मंत्रियों का नॉर्थ ईस्ट में दौरा लग रहा है। इन मंत्रियों के विभाग की ओर से किए जाने वाले विकास कार्यों को जनता के समक्ष रखा भी जाएगा। इसके अलावा कई अन्य बड़ी योजनाओं बात भी की जाएगी और कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी जल्द ही नार्थ ईस्ट में बड़ी चुनावी रैलियां और कैंपेन को भी लॉन्च करने वाली है।
दरअसल, तवांग में भारत और चीनी सेना की बीच हुई झड़पों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नार्थ ईस्ट में रविवार का दौरा बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासतौर से तब जब खुद प्रधानमंत्री नार्थ ईस्ट में डेवलपमेंट की बात के साथ बॉर्डर को मजबूत करने वाले पहलू को भी सामने रख रहे थे। रक्षा मामलों के जानकार कर्नल एसएन बासु कहते हैं कि नार्थ ईस्ट में बॉर्डर की सुरक्षा शुरुआत से ही बड़ा मुद्दा रहा है। कर्नल बसु कहते हैं कि जब केंद्र सरकार बॉर्डर की सुरक्षा और बॉर्डर से लगे हुए गांव के विकास का पूरा रोड मैप जब जनता से साझा करते हैं तो उनमें भरोसा बढ़ता है। यही वजह है कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेघालय और त्रिपुरा के दौरे में बॉर्डर डेवलपमेंट की योजनाओं को साझा कर के चुनावी लिहाज से माहौल तो बना ही दिया है।