
Arun Haldar vice chairman of NCSC
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राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाके मोमिनपुर का दौरा किया और दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार समुदाय के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम नहीं उठा रही है। हलदर की यात्रा और टिप्पणी पर सत्तारूढ़ टीएमसी से तीखा जवाब दिया। टीएमसी ने उनसे निष्पक्ष रूप से काम करने और भाजपा के “विभाजनकारी एजेंडे” के अनुसार कार्य नहीं करने का आग्रह किया।
आयोग के सूत्रों के अनुसार, हलदर का दौरा 9-10 अक्तूबर को दक्षिण पश्चिम कोलकाता के खिदिरपुर-मोमिनपुर इलाके में दो समूहों के बीच हुई झड़पों के बाद दर्ज की गई शिकायतों से प्रेरित था।जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे। आयोग ने एक बयान में कहा कि “राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी), भारत सरकार के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने प्राप्त शिकायतों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मोमिनपुर का दौरा किया है।
बयान में कहा गया है कि “इसके अलावा, दौरे के दौरान उपाध्यक्ष ने देखा कि मौजूदा राज्य सरकार भारतीय संविधान द्वारा प्रदान किए गए अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कोई सक्रिय कदम नहीं उठा रही है।”
वहीं, आरोप का खंडन करते हुए सत्तारूढ़ टीएमसी ने दावा किया कि मोमिनपुर में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की गई थी। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि “हमारा सुझाव है कि वे (आयोग के सदस्य) पश्चिम बंगाल आने से पहले भाजपा शासित राज्यों का दौरा करें, जहां स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में खराब है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी आवश्यक कार्रवाई की थी। आयोग को भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाना बंद कर देना चाहिए।